जिसकी अंतरात्मा में विश्वमानव की सेवा करने, इस संसार को अधिक सुँदर-सुव्यवस्थित एवं सुखी बनाने की भावनाएं उठती रहती हैं और इस मार्ग में चलने की प्रबल प्रेरणा होती है, वस्तुतः सच्चा परमार्थी और ईश्वर भक्त वही है।
परमपूज्य गुरुदेव