उपयोगी भोजन (Kahani)

March 2002

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एक कथा है कि धन्वंतरि एक बार पक्षी बनकर काशी वाग्भट्ट को उपदेश देने आए थे। जब उन्होंने पूछा-”कोऽरुक?” स्वस्थ कौन रहता है? तो पक्षी रूप में धन्वंतरि बोले-”मितुभुक, ऋतुभुक, हितुभुक, अर्थात् कम, ऋतु के अनुकूल और उपयोगी भोजन करने वाला स्वस्थ रहता है।”


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