जानकारी से वंचित (Kahani)

January 1993

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मकड़ी ऐसा नादान कीड़ा अपनी लार से जो तार खींचता है वह उससे दो गुने मोटे लौह के तार से भी ज्यादा मजबूत होता है। वैज्ञानिकों ने अपने एक अनुसंधान में पाया है कि मकड़ी के जाले का तार एक सेन्टीमीटर के दस लाखवें भाग की मोटाई का होता है किन्तु मजबूती में उतने मोटे लोहे के तार से कई गुना ज्यादा होता है। अन्तरिक्ष विज्ञानियों ने अपनी शक्तिशाली दूरबीनों से ज्ञात किया है कि कुछ प्रजाति की मकड़ियाँ अपने जाले को गुब्बारानुमा बनाती हैं जो उसके मूल स्थान से 300 कि. मीटर की दूरी तय कर लेता है तथा 4000 मीटर की ऊँचाई तक उड़ भी सकता है।

मकड़ियों की यह कुशलता विज्ञान जगत के लिए एक अनसुलझा रहस्य है।

अर्जुन के एक पत्नी सुभद्रा भी थी। उनके गर्भ में जब बालक था तब वे युद्ध विद्या के अनेक दांव−पेंच पत्नी को बताया करते। उद्देश्य गर्भस्थ बालक को रणनीति में पारंगत करना था। यही समय बालक की प्रवृत्ति ढालने का था।

प्रसंग चक्रव्यूह वेधन का चल रहा था। छः चक्र बेधने तक की जानकारी सुभद्रा ने ध्यानपूर्वक सुनी पर जब सातवें का बेधन सुनाया जा रहा था तो उसे नींद आ गई और प्रसंग को अधूरा छोड़कर सो गई। गर्भस्थ बालक भी उस जानकारी से वंचित रह गया।

महाभारत के समय बालक अभिमन्यु तरुण हो गया था। उसे कौरवों द्वारा रचे गये चक्रव्यूह को बेधन करने जाना पड़ा। छः चक्रों के बेधन का कौशल उसे याद था उन मोर्चों पर उसने सफलता भी प्राप्त कर ली। पर सातवें मोर्चे पर वह उलझ गया उसे जीतने का रहस्य मालूम न था। इसलिए गड़बड़ा गया और शत्रुओं के हाथों मारा गया।

अभिमन्यु की वीरता इस प्रकार पराजित क्यों हुई। इसका रहस्य बताते हुए अर्जुन ने कहा उसे इस अन्तिम कथा की जानकारी गर्भकाल से सुभद्रा के सो जाने के कारण न मिल सकी थी।

गर्भावस्था हर प्रकार के शिक्षण के लिए सर्वोत्तम काल है।


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