बुद्धि की सराहना की (Kahani)

January 1993

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चित्रकार ने अद्भुत चित्र बनाया। चेहरा बालों से ढँका था और पाँवों में पंख लगे थे। सभी ने चित्र के

अर्थ किये, किंतु मर्म की बात समझ न आ सकी, तो एक जिज्ञासु ने चित्रकार से पूछ ही लिया कि आखिर यह चित्र किसका?

चित्रकार ने कहा- “अवसर का”

लोग चौंके। फिर किसी ने पूछा- पर आपने इसका चेहरा क्यों ढँक दिया हैं?

चित्रकार बोला-जब अवसर मनुष्य के पास आता है, तब वह उसे पहचान नहीं पाता और इसके पाँव के पंखों से क्या तात्पर्य?-एक अन्य जिज्ञासु बोल पड़ा।

चित्रकार बोला-इसलिए कि जब कोई अवसर को ठीक समय नहीं पकड़ता, तो वह तेजी से उड़ जाता है। सभी ने चित्रकार की बुद्धि की सराहना की।


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