लुहार की दुकान पर अनेकों छैनी-हथौड़े टूटी-फूटी स्थिति में पड़े थे; किंतु जिस पर हथौड़े बजते थे, वह निहाई मुद्दतों से उसी स्थिति में बनी हुई थी।
राहगीर ने लुहार से पूछा— भला इतने छैनी-हथौड़े रखे गए, पर निहाई यथावत् कैसे बनी हुई है?
लुहार ने कहा— ”छैनी-हथौड़े आक्रमण करते रहे और टूट गए। निहाई ने सहा और अपनी मजबूती का प्रमाण दिया।”