अमेरिका के राष्ट्रपति लिंकन किशोरावस्था में एक मोदी की दुकान पर छोटी नौकरी करते थे।
एक दिन दूर देहात से कोई महिला आई।
सामान खरीदा। कुछ नोट दिए। हिसाब में चूक रह जाने से उस महिला को कम पैसे लौटाए गए। वह अनपढ़ थी, लेकर चली गई।
शाम को हिसाब जोड़ा गया तो पैसा बढ़ा। लिंकन को ध्यान आया कि वह उसी महिला के रह गए हैं। दुकान बंद करके वे दूर गाँव को गए। रात में उस महिला के यहाँ पहुँचें। जगाकर भूल का पैसा उसे लौटाया। अपने घर पहुँचे।
ऐसी ही ईमानदारी थी; जिसने लिंकन को एक दिन अमेरिका का राष्ट्रपति बनाया।
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