कितनों ने प्रशंसा की, कितनों ने निन्दा की इसे मत देखो। कितना कमाया, कितना गंवाया, यह भी मत सोचो। उस राह को अपनाओ जिसे न्याय निष्ठ अपनाया करते हैं।