नशेबाज मसखरा (Kahani)

September 1987

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एक साधू ने नशेबाज को तालाब के किनारे चलते देखा  तो साधु ने कहा- पैर डगमगाते ही गहरे गड्ढे में गिर पड़ोगे।

नशेबाज मसखरा भी था उसने कहा- स्वामीजी आप भी जो व्यवसाय कर रहे हैं उसमें चूके तो अनेकों अनुयायियों का बेड़ा गरम करेंगे।


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