बुद्धिमता जाँचने के लिए (kahani)

November 1983

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

एक किसान के चार बेटे थे। उनकी बुद्धिमता जाँचने के लिए बेटों को बुलाकर किसान ने एक-एक मुट्ठी चावल दिये, ओर कहा- “इनका जो मर्जी हो सो करना”

एक ने उसे छोटी वस्तु समझा और चिड़ियों को फेंक दिया, दूसरा उन्हें उबालकर खा गया, तीसरे ने संभल कर डिब्बे में रख दिया ताकि कभी पिताजी माँगे तो उन्हें दिखा सकूँ। चौथे ने उन्हें खेत में बो दिया ओर टोकरा भरा चावल पिता के सामने लाकर रख दिये।

पिता ने बोने वाले को अधिक समझदारी पाया, और बड़ी जिम्मेदारियों के काम को उसी के सुपुर्द किये। भगवान भी यही करता है।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles