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Akhand Jyoti
Year 1991
Version 2
विज्ञान व...
विज्ञान व आध्यात्म
January 1991
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Page Titles
जड़ नहीं, प्रगतिशील बनें।
जिसने परायी पीर को जाना
कहाँ उगे योग का वट वृक्ष?
बालक की लाश (Kahani)
अब बारी है नवयुग के नवोन्मेष की
Quotation
जड़ों की उपेक्षा न हो।
नवयुग का उपास्य सविता देवता
मनोबल और सहयोग (Kahani)
स्वप्न दिखाते हैं अविज्ञात की झाँकी
रोना बंद कर दिया (Kahani)
भाव विस्तार ही मानव-धर्म
महाप्रज्ञा का तत्वदर्शन सब के लिए
विज्ञान व आध्यात्म
पूजा अर्चा का प्रयोजन और प्रतिफल
अपराध का प्रायश्चित (Kahani)
विद्युत ऊर्जा से अभिपूरित वनस्पति जगत
आत्मबल की दिव्य प्रेरणा
अपराधी को समान सजा देने की जरूरत नहीं (Kahani)
सबसे बड़ी पूँजी-ईश्वर विश्वास
अनुभवजन्य ज्ञान ही (Kahani)
उनकी आँखों से बेधक किरणें निकलती थीं।
महिला समाज की महती सेवा (Kahani)
कहकहों पर यौवन के प्रसून खिलते हैं।
सार्थक तप
निष्ठाभाव से कल्याण मार्ग (Kahani)
प्रायश्चित्त चिकित्सा का प्रचलन बढ़ रहा है।
युग को निहाल कर देने वाला उच्चस्तरीय पुरुषार्थ
अक्षय कीर्ति से वंचित (Kahani)
ईश्वरीय अनुग्रह (Kahani)
सान्निध्य की परिणति (Kavita)
मौन एक श्रेष्ठ तप साधना
सर्वांगपूर्ण चिकित्सा हेतु अध्यात्मोपचार
ईश्वर को साझेदार मानें (Kahani)
व्रतशीलता का दायित्वपूर्ण निर्वाह
अध्यात्मवादी जीवन का प्रारंभिक पाठ (Kahani)
परिवर्तन के अग्रदूत
नवयुग का नवोन्मेष (Kahani)
सुख पाना हो तो मन को प्रशिक्षित करें।
ब्रह्मणत्व जागे व उत्तरदायित्व सँभाले
नुकसान सहकर भी नीति का साथ
आइए! इस वसंत पर एक संकल्प दुहरायें।
पद पर आसीन कर दिया (Kahani)
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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