समय भी चक्र की तरह घूमता है। दिन और रात्रि का होना, मौसम बदलना, यह सब समय के भ्रमण चक्र पर निर्भर हैं। सूर्य ग्रहण, चन्द्र ग्रहण होने के कारण भी नहीं हैं।
पेड़ों में ग्यारह वर्ष का एक ऋतु चक्र आता है जिसके अनुसार उनके तने में एक परत जमती जाती है। रहस्य वादी ‘कीरो’ ने लिखा है कि प्रत्येक नये वर्ष में हर मनुष्य के जीवन में कोई असाधारण घटना घटित होती है।
इतिहास में 539 का अंक ऐसा है जो एक चक्र पूरा करता है। फ्राँस में सन्तलुई 1215 में जन्मे। वे अपने समय के असाधारण तत्वदर्शी थे उनके ठीक 539 वर्ष बाद फ्राँस में लुई सोलहवें का जन्म 1754 में हुआ।
सन्तलुई के 10 वर्ष बाद उसकी बहिन इलिजायेच जन्मी। सम्राट लुई की बहन का नाम भी यही था और वह भी दस वर्ष ही जन्मी थी। दोनों के पिताओं की मृत्यु उनके 12 वें वर्ष में हुई। दोनों का विवाह सत्रहवें वर्ष में हुआ था। सम्राट लुई का सन्तलुई को अवतार माना जाता था।
सन्तलुई ने 29 वें वर्ष में इंग्लैंड के बादशाह हेनरी तृतीय से संधि की। सम्राट लुई ने भी 29 वर्ष की आयु में इंग्लैंड के बादशाह जार्ज तृतीय से संधि की। 35 वर्ष की आयु में ही सन्तलुई और सम्राट लुई को बन्दी बनना पड़ा। दोनों ने 36 वर्ष की आयु में एक नई क्रान्ति का श्री गणेश किया। सन्त लुई की माँ का स्वर्गवास जिस सन में हुआ था उससे ठीक 539 वर्ष बाद सम्राट लुई की माँ मरी। इस प्रकार दोनों की जीवन घटनाओं में अनोखी समता है।