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August 1986

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कहते हैं कि कलिंग देश का राजा मधुपर्क खा रहा था। उसके प्याले में से असावधानी से थोड़ा सा शहद टपक कर जमीन पर गिर पड़ा। उस शहद को चाटने मक्खियाँ आ गयीं। मक्खियों को इकट्ठी देख छिपकली ललचायी और उन्हें खाने के लिए आ पहुँची। छिपकली को मारने बिल्ली पहुँची। बिल्ली पर दो-तीन कुत्ते टूटे। बिल्ली भाग गई और कुत्ते आपस में लड़कर घायल हो गये।

कुत्तों के मालिक अपने-अपने कुत्तों के पक्ष का समर्थन करने लगे और एक दूसरे का दोष बताने लगे। उस पर लड़ाई ठन गयी। लड़ाई में दोनों ओर की भीड़ बढ़ी और आखिर सारे शहर में बलवा हो गया। दंगाइयों को मौका मिला तो सरकारी खजाना लूटा और राजमहल में आग लगा दी।

राजा ने इतने बड़े उपद्रव का कारण पूछा तो मन्त्री ने जाँचकर बताया कि भगवन् आपके द्वारा असावधानी से गिराया हुआ थोड़ा सा शहद ही इतने बड़े दंगे का कारण बन गया है।

तब राजा ने समझा कि छोटी-सी असावधानी भी मनुष्य के लिए कितना बड़ा संकट उत्पन्न कर सकती है।


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