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December 1985

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तदित्य चोस्या सावित्री परमेषि प्रजापति सन्ध्ययोर्वेद विदुषी सप्त व्याहृति पूर्वकम्॥ −विष्णु स्मृति

अर्थात्− आदित्य की महाशक्ति सावित्री प्रजापति द्वारा उपासित है। उसे सन्ध्याकालों में सप्त व्याहृतियों समेत जपना चाहिए।

यम नचिकेता संवाद में प्राणाग्नि विद्या का निरूपण है। यम ने नचिकेता को अन्य कोई वरदान माँगने के लिए कहा। पर उसने इस रहस्य को जानकर ही अपना आग्रह पूरा किया। यह सावित्री और साधना से सम्बन्धित प्राण प्रकरण ही है। इसको पंचप्राण, सावित्री के पंचमुख कहते हैं। कुण्डलिनी जागरण रहस्य भी इसी प्राणाग्नि विद्या से संबंधित है।


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