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December 1985

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आँख मीच कर दूध पीने वाली बिल्ली समझती है कि घर का कोई व्यक्ति उसे देख नहीं रहा है। उसी प्रकार छिपकर पाप करने वाला सोचता है कि उसके कुकृत्यों पर सदा पर्दा ही पड़ा रहेगा। −महाभारत


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