कुपात्र को नहीं दूँगा, ऐसा मत कहो। तुम्हारे उद्यान के फूल ऐसा भेदभाव नहीं करते और न चारागाह ही गायों पर ऐसा प्रतिबन्ध लगाते हैं। हवा और सूरज तुम्हें अपने अनुदान देते समय क्या परख करते हैं। फिर तुम्हीं इतनी गहरी छानबीन और जाँच-पड़ताल किसलिए करने लगे?