Quotation

October 1984

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

न काष्ठ में देवता है, न पत्थर में, न ही मिट्टी में। देवता तो भावना में निवास करते हैं। इसलिए भावना की ही प्रधानता है।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles