राजा का एक स्वामि-भक्त नौकर की आवश्यकता थी। अनेक प्रार्थना-पत्र मन्त्री के पास आये। उन्होंने साक्षात्कार हेतु राजा के सम्मुख केवल तीन प्रत्याशी उपस्थित किये।
राजा ने पूछा- ‘यदि मेरी और तुम्हारी दाढ़ी में साथ-साथ आग लग जाये, तो तुम पहले किसकी आग बुझाओगे?’
एक ने कहा- ‘पहले आपकी बुझाऊंगा।’
दूसरा बोला- ‘पहले अपनी बुझाऊंगा।’
तीसरे ने कहा- ‘एक हाथ से आपकी और दूसरे से अपनी दाढ़ी की आग बुझाऊंगा।’
राजा के पास में ही मन्त्री बैठे थे। उन्होंने कहा- ‘यह तीसरा व्यक्ति ही नौकर रखने योग्य है, क्योंकि अपनी उपेक्षा कर दूसरे की भलाई करना अव्यावहारिक है।’