गुलाब की शिकायत

September 1970

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नीचे झाँक कर देखा तो जड़ों के पास खाद का ढेर लगा देख गुलाब का फूल बहुत झल्लाया और गुस्से में भर कर बोला- ओरे गंदगी के ढेर तुझे और कहीं जगह नहीं मिली जो तू यहीं मेरी शोभा नष्ट करने चला आया?

ढेर बेचारा कुछ नहीं बोला- गुलाब गालियाँ बकता रहा और वह चुपचाप बैठा सुनता रहा।

सायंकाल माली पानी देने आया तो गुलाब ने उससे भी वही शिकायत की। माली हंसा और बोला- गुलाब! नाराज मत हो, यह गंदगी का ढेर ही तो तुम्हारी जीवन शक्ति है यह न रहे तो तुम्हें पोषण कहाँ से मिले।


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