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June 1970

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सर्वद्रव्येषु विद्यैव द्रव्यमाहुरनुत्तमम्।

अहार्यत्वादनर्घत्वादक्षयत्वाच्च सर्वदा॥

विद्या से श्रेष्ठ कोई धन नहीं क्योंकि न तो यह चोरों द्वारा चुराया जा सकता है और न ही कभी इसका क्षय होता है।

ज्ञान, समझ के साथ बुद्धिमत्ता, विधि के साथ शक्ति, उदारता के साथ परोपकार तथा धर्म के साथ सद्गुण और शान्ति पैदा करता है।

-हीनफर


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