सर्वद्रव्येषु विद्यैव द्रव्यमाहुरनुत्तमम्।
अहार्यत्वादनर्घत्वादक्षयत्वाच्च सर्वदा॥
विद्या से श्रेष्ठ कोई धन नहीं क्योंकि न तो यह चोरों द्वारा चुराया जा सकता है और न ही कभी इसका क्षय होता है।
ज्ञान, समझ के साथ बुद्धिमत्ता, विधि के साथ शक्ति, उदारता के साथ परोपकार तथा धर्म के साथ सद्गुण और शान्ति पैदा करता है।
-हीनफर