बंगाल के सुप्रसिद्ध जज नील माधव बन्द्योपाध्याय का मृत्यु काल जब निकट आया तो उनके कुटुम्बियों ने पूछा- इस अन्तिम संकट में आपको कुछ कहना हो तो कह दीजिए।
बन्धोपाध्याय ने कहा-बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि को बुलाइए। वह बुलाया गया। बुलाने का कारण पूछा, तो उन्होंने कहा-- मेरी बीमा पॉलिसी रद्द करा दी जाय। क्योंकि पाँच वर्ष पूर्व मुझे मधुमेह हो चुका था पर मैंने उसकी सूचना कम्पनी को नहीं दी। ऐसी दशा में बीमा की रकम का वसूल करना अन्याय ही कहा जायेगा।
मैंने जीवन भर न कभी झूँठ बोला और न किसी को धोखा दिया। जीवन के अन्तिम समय में इस कलंक को सिर पर लेकर मैं मरना नहीं चाहता, इसलिए यह आवश्यक कार्य अभी ही करना उचित समझा गया।