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July 1952

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—वाणी की चंचलता से बचो, वाणी का संयम रखो, वाणी का दुश्चरित्र छोड़कर वाणी का सदाचरण करो।

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—मन की चंचलता से बचो, मन का संयम रखो, मन का दुश्चरित्र छोड़कर मानसिक सदाचरण करो।


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