—जय से बैर पैदा होता है। पराजित दुखी रहता है। जय पराजय दोनों को छोड़ कर शान्त मनुष्य सुखपूर्वक सोता है।
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—निः रोग रहना सबसे बड़ा लाभ है। सन्तुष्ट रहना परम धन है। विश्वास सबसे बड़ा बन्धु है, निर्वाण सबसे बड़ा सुख है।
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—एकान्त और शान्ति के रस को पान कर आदमी निडर होता है। और धर्म के प्रेम रस को पान कर निष्पाप।
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—सत् पुरुषों का दर्शन अच्छा है। सत्पुरुषों की संगति सुखकर है, मूर्खों का दर्शन न होने से आदमी सुखी रहता है।