नववर्ष की प्रार्थना

January 2003

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हम सबके परम पूज्य गुरुदेव! हम सबकी समवेत अभीप्साओं के चरम लक्ष्य!! हे सब वरदानों के परमदाता!!! नववर्ष की नयी सुबह का यह प्रथम क्षण आपको समर्पित है। हमारे भविष्य के स्वामी, अन्तर्यामी प्रभु! वर्ष 2003 में हम सबके जीवन को पवित्र, सुन्दर और शुभ बनाकर सार्थक कर दो।

आपकी तपश्चेतना का प्रखर सूर्य, जो नववर्ष के नीलगगन में उदित होकर अपनी प्रभा से धरती पर सुहाने प्रभात की सृष्टि कर रहा है, हममें से प्रत्येक के जीवन में उज्ज्वल भविष्य की सृष्टि भी करे। हे परम प्रेममय प्रभु! इस वर्ष 2003 में जो आपकी आशा करते हैं, वे सच्चे रास्ते से आपको खोजें। जो आपको खोजने में लगे हैं, वे इस वर्ष आपको प्राप्त करें। जो कष्ट भोग रहे हैं और नहीं जानते कि उपाय क्या है, वे इस साल अनुभव करें कि उनकी अन्धकारमय चेतना के ऊपरी कठोर भाग में आपकी शक्ति थोड़ा-थोड़ा प्रवेश कर रही है।

हे गुरुदेव! शान्त भाव से जलने वाली दीपशिखा की भाँति, बिना हिले-डुले सीधे ऊपर उठने वाले सुगन्धित यज्ञ धूम्र की भाँति, जो न तो तर्क-वितर्क करता है, न ही किसी तरह की चिन्ता करता है, पूर्ण रूप से सदा आप पर निर्भर रहें। जिससे हमारे जीवन में आपकी इच्छा पूरी हो, आपकी ज्योति प्रकट हो। आपकी शान्ति चारों ओर फैल जाए और आपका अलौकिक प्रेम हमारे सहित इस सम्पूर्ण जगत् को आच्छादित कर दे।

हे हमारे आराध्य! जब आप चाहेंगे, तभी हम आपको प्राप्त कर पाएँगे, आपके साथ एक हो सकेंगे। बिना किसी भेदभाव के आपमें विलीन हो जाएँगे। बिना किसी अधीरता के इस वर्ष उस शुभ घड़ी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हम इन क्षणों में आपकी कृपा से यह अनुभव कर रहे हैं कि अबाध रूप से हमारी चेतना आपकी ओर उसी तरह से प्रवाहित हो रही है, जैसे कोई शान्त जलधारा समुद्र की ओर बढ़ती है। हमारे विचारों, हृदयगत भावों और कर्मों के सर्वोच्च स्वामी गुरुदेव! इस नववर्ष में हम सबके अज्ञान को दूर करो, हम सबके अन्तःकरण को प्रकाशित करो, हमारे हृदयों को अपने दिव्य प्रेम से परिपूरित करो। और हम जो आपके हैं, सदा के लिए आपके बन सकें।


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