भारत को स्वतंत्रता हस्तांतरित करने के लिए इंग्लैंड से एक प्रतिनिधिमंडल आया, तो गाँधी जी को अहिंसा के अस्त्र से जीतते देखकर, मंडल के बहुत−से विदेशी पत्रकार आए और गाँधी जी से मिलने पहुँचे।
एक पत्रकार ने पूछा कि यदि आपको एक दिन का डिक्टेटर बना दिया जाए, तो क्या कार्यक्रम अपनाएँगे? उनने कहा, पहले तो मेरे लिए ऐसा निरंकुश बनना ही संभव नहीं। यदि बन भी गया, तो उस सामर्थ्य को गंदी बस्तियाँ साफ करने में एवं पिछड़ों को ऊँचा उठाने, स्वावलंबी बनाने में लगाऊँगा।