चार दिन की सत्र शृंखला अब मार्च, अप्रैल में भी जारी रहेगी

March 1984

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

प्रस्तुत बसन्त पर्व उद्घाटन सत्र के रूप में मनाया गया। 2 सत्रों के फरवरी बसन्त पर्व को पाँच सत्रों में बदल दिया गया व अगणित परिजनों को भाषा धर्म महाविद्यालय, पत्रकारिता शिक्षण एवं वीडियो फिल्मांकन स्टूडियो के रूप में आरम्भ हो रही नई प्रवृत्तियों से सम्बन्धित इन सत्रों में स्थान दिया गया। पूज्य गुरुदेव की बहिरंग से निवृत्ति एवं एकाकी तपश्चर्या के इस पर्व से शुभारम्भ पर परिजन को दो प्रतीक सतत् उनके सूक्ष्म संरक्षण व उपस्थिति का बोध कराने हेतु दिये गये।

बढ़ते उत्साह एवं असीम उत्कण्ठा को दृष्टिगत रख इस सत्र शृंखला व परिजनों के क्रियाकलापों के वीडियो फिल्मांकन को मार्च में भी जारी रखने का निर्णय लिया गया। अब मार्च में 3 से 31 तारीख तक चार-चार दिन के कुल 6 सत्र हैं । हर शिविर के बीच में एक दिन का स्थान खाली रखा गया है । इन पंक्तियों के लिखे जाने तक माँग जारी है। अतः अन्य शिविरों के साथ अप्रैल व आवश्यक हुआ तो मई में भी ये सत्र जारी रहेंगे। यह सबको ज्ञात ही है कि प्रतीक मात्र उन्हीं को दिये जा रहे हैं जो इन सत्रों में आएँगे वीडियो, स्टूडियो तो क्रियाशील रहेगा ही । परिजन सुविधानुसार अनुमति मँगा लें।

वर्ष 49 संस्थापक -वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य मार्च 1984 वि.सं. आश्विन कार्तिक-2050 अंक-3 उपासना विशेषाँक वार्षिक चंदा :- भारत में 40/- आजीवन -550/- विदेश में 350/


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles






Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118