एक व्यक्ति चारपाई पर बैठा भजन कर रहा था। देखने वाले ने चारपाई पर बैठकर भजन करने को अश्रद्धा बताया। चारपाई पर बैठकर भजन करने वाले ने भर्त्सना करने वाले से पूछा- आप कहाँ बैठकर भजन करते हैं। इस पर उसने कहा- हमें तो अवकाश ही नहीं मिलता। इस पर पहला व्यक्ति हँसा और बोला- फिर आप से हमीं अच्छे हैं। कुछ भी न करने से कुछ करना अच्छा।