उदार चेता (kahani)

March 1984

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

एक उदार चेता, सभी समुदाय के लोगों को एकत्रित देखना चाहते थे। एक सम्मेलन स्थान बनाना चाहते थे। सो उन्होंने मन्दिर बना दिया। मन्दिर में हिन्दू तो आये पर मुसलमानों ने उसमें पैर भी नहीं रखा। बाद में उन्होंने मस्जिद बनवाई और हिन्दुओं से कहा वे उदारता दिखायें और उसमें जाया करें। उनने भी मस्जिद में जाने से इनकार कर दिया।

दोनों निर्माणों से उद्देश्य पूरा न होते देखकर उनने एक पाठशाला और व्यायामशाला बनाने का तीसरा उपक्रम किया। उसमें सभी वर्ग के लोग पहुँचे। तब कहीं उन्हें सन्तोष हुआ।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles