बड़प्पन किसी के वैभव, विस्तार, बल, पद, चातुर्य, कौशल आदि के आधार पर नहीं आँका जाना चाहिए। वरन् देखा यह जाना चाहिए कि उसने मानवी गरिमा के अनुरूप अपने को ढालने में कितनी सफलता पाई। अपने समर्थता एवं सम्पदा का किस स्तर के प्रयोजनों में उपयोग किया।
विस्तार और अन्य प्राणियों की वरिष्ठता बताने की दृष्टि से ध्यान योग्य माना जा सकता है किन्तु मनुष्य के सम्बन्ध में यह बात लागू नहीं होती। उसकी विशिष्टता मानवी गरिमा के अनुरूप आदर्शवादिता अपनाने में है। यदि वह इस कसौटी पर खरा नहीं उतरता तो फिर यही कहना पड़ेगा कि अन्य प्राणियों की तुलना में वह कहीं पिछड़ा हुआ है। आकाश, विस्तार और पराक्रम की दृष्टि से सृष्टि के कितने ही प्राणी मनुष्य की तुलना में कहीं अधिक बढ़े-चढ़े पाये जाते हैं।
थलचरों में सबसे बड़ा अफ्रीकी हाथी होता है। वह 13 फुट तक ऊँचा पाया गया है। वजन में 90 क्विन्टल तक।
ऊँचाई के हिसाब से जिराफ़ सबसे ऊँचा होता है वह 20 फुट तक का देखा गया है।
दौड़ने वालों में चीता अपनी शानी नहीं रखता। यों चीते संसार के अधिकाँश मध्य ताप वाले क्षेत्रों में पाये जाते हैं पर दौड़ने की दृष्टि से ईरान, तुर्कमानिया और अफगानिस्तान में पाये जाने वाले अधिक तेज हैं वे 65 से 70 मील की दौड़ हर घण्टे के हिसाब से लगा सकते हैं। किन्तु साथ ही यह भी तय है कि वे इस चाल से दस मिनट से अधिक नहीं दौड़ सकते हैं। इतने में ही वे बेतरह थककर चूर हो जाते हैं और हाँफने सुस्ताने लगते हैं।
लम्बी दौड़ लगाने वालों में पश्चिमी अमेरिका का हिरन- ‘एटिलोप’ सबसे आगे है। वह 35 मील प्रति घण्टे की चाल से लगातार दिन भर दौड़ता रह सकता है।
स्तनधारी प्राणियों में हाथी को सबसे अधिक समय तक माता के गर्भ में रहना पड़ता है। यह अवधि 760 दिन की होती है।
एक साथ अधिक बच्चे जनने की दृष्टि से मेडागास्कर के बन-विलाव टेनरेक का है जो एक बार में 32 तक बच्चे जनता है। इस घुड़-दौड़ में अमेरिकी चूहे भी पीछे नहीं। वे भी 30-35 बच्चे एक समय में जनते देखे गये हैं।
जलचरों में सर्वाधिक विशालकाय प्राणी ब्लू व्हेल है जिसे बेलिनोप्टेरा मस्कुलस भी कहते हैं। यह अधिकतम कितनी बड़ी होती होगी यह तो नहीं कहा जा सकता पर मछुआरों द्वारा पकड़ी गई ब्लू व्हेलों में सबसे लम्बी 110 फीट 2।। इंच थी। इसका भार प्रायः 2000 क्विन्टल था इसे 35 प्रौढ़ अफ्रीकी हाथियों के बराबर माना जा सकता है।
ब्लू व्हेल जन्म समय में ही 30 फुट लम्बी और 30 क्विन्टल भारी होती है। उसका वृद्धि क्रम भी असाधारण है। इस वर्ष में वह बढ़कर दस गुनी अर्थात् 300 क्विन्टल हो जाती है।
शार्क व्हेल 60 फुट लम्बी और 45 क्विन्टल भारी पाई गई है। इसका अण्डा 12 इंच लम्बा 5।। इंच चौड़ा और 3 इंच ऊँचा होता है।
एक साथ सर्वाधिक अण्डे देने वाली मछली सनफिश है वह 30 लाख अण्डे एक बार में देती है। उनका व्यास आरम्भ में 0.05 इंच होता है।
शरीर से विद्युत तरंगें फेंकने वाली मछली इलेक्ट्रो फोरस ब्राजील कोलम्बिया के समुद्रों में पाई जाती है उसके शरीर से निकलने वाली 650 वोल्ट तक विशेष परिस्थितियों में पहुँच जाती है। साधारण स्थिति में भी वह 400 वोल्ट फेंकती रहती है। आक्रमण के लिए ही वह इस बिजली को हथियार के रूप में प्रयोग करती है। खूँखार मछलियों में दक्षिण अमेरिका की व्हाइट शार्क मशहूर है वह मनुष्यों पर आँखें मूँदकर आक्रमण करती है।
अधिक समय तक जीने वाले प्राणियों में कछुए को रिकार्ड किया गया है। वह 152 वर्ष तक जिया। इसी प्रकार एक जापान के सिराप्रकाण नगर के तालाब में पाली गई रंगीन मछली 228 वर्ष की होकर सन् 1974 में मरी।
एगलर मादा मछलियाँ नरों की तुलना में कई गुनी बड़ी होती हैं। नर उनके आश्रित रहते हैं। शिकार वे ही मारती हैं, नर उसी को खाकर काम चलाते हैं। थक जाते हैं तो पत्नी की पीठ पर बैठकर सुस्ताते भी रहते हैं। इन मछलियों को अपने नर भी बच्चों की तरह ही पालने पड़ते हैं।
पक्षियों में विशालकाय शुतुरमुर्ग होता है। वह 9 फुट ऊँचा और डेढ़ क्विन्टल तक भारी होता है। अण्डे की लम्बाई 8 इंच और चौड़ाई 6 इंच तक पाई गई है। वजन दो किलोग्राम। वह इतना मजबूत होता है कि एक प्रौढ़ मनुष्य उस पर खड़ा हो जाय तो भी टूटेगा नहीं।
तेजी से पंख हिलाने वाली चिड़िया हमिंग है जो उड़ते समय एक सेकेण्ड में प्रायः 100 बार पंख हिलाती है। इस तेजी के कारण उसकी उड़ान से भौंरे की गूँज जैसी आवाज आती है।
आकाश में लगातार उड़ते रहने वाली चिड़िया स्वेफ्टएपरू है। यह नौ महीने लगातार उड़ सकती है। इसी अवधि में वह खाते-पीने का भी जुगाड़ बिठाती रहती है। यही हाल सूटी टर्न का है। वह सिर्फ अण्डे देने और बच्चे पालने के लिए ही जमीन पर उतरती और घोंसला बनाती है। बच्चे समर्थ होते ही फिर आकाश में उड़ते रहने के लिए चल पड़ती है। गर्भ धारण भी वह उसी स्थिति में कर लेती है। इसकी उड़ानें एक वर्ष से भी अधिक की होती है।
फोरिडा में एक चील का घोंसला सबसे बड़ा पाया जाता है वह अपने आकार और बच्चों को निर्वाह का ध्यान रखते हुए 8 फुट चौड़ा और 20 फुट गहरा घोंसला बनाती है जो वजन में लगभग 23 क्विन्टल होता है। पेड़ इतना वजन नहीं उठा पाते तो वह झाड़ियों के बीच बिना खतरे वाली जगहों में घोंसले बना लेती है।
तेज दौड़ने वाले पक्षियों में ‘काउटा कूटा’ है जो एक घण्टे में 150 मील तक उड़ सकता है। उससे कुछ कम उड़ान भरने वाली चिड़िया फलकोन है जिसकी चाल 80 मील प्रति घण्टा आँकी गई है।
अजगरों में अफ्रीका तथा इन्डोचीन में पाया जाने वाला पायबोन है जो 33 फुट तक लम्बा देखा गया है। दौड़ने में इसी बिरादरी का मम्बा मशहूर है वह सिर्फ अफ्रीका में पाया जाता है और समतल भूमि पर 15 मील प्रति घण्टे की चाल से सपाटा भरता रहता है। वजनी अजगर दक्षिण अमेरिका का एनकोडा है जो सवा दो सौ क्विंटल तक का पकड़ा जा चुका है।
फिलाडेल्फिया में पाये जाने वाली वाइपर के विष दन्त दो इंच तक के होते हैं और फन से बाहर निकले रहते हैं। एक बार उस देश के चिड़ियाघर में उसने किसी कारण क्रुद्ध होकर अपनी ही पीठ में दाँत गढ़ा दिये थे और अपने ही विष से खुद मर गया था।
समुद्री सर्प विष नाग भी अत्यन्त जहरीला होता है। शार्क जैसी विशालकाय मछलियाँ तक उसकी गन्ध पाते ही भाग खड़ी होती हैं। वह चाहे तो फुसकार भर आस-पास के जलचरों का सफाया कर सकता है पर आमतौर से वैसा करता नहीं, विषधर होते हुए भी सौम्य प्रकृति का होता है।
मेंढकों में अमेरिका का बुलकाया डेढ़ फुट तक लम्बा होता है। इससे भी बड़ा पश्चिमी अफ्रीका का नियामोवा है जो तीन फुट लम्बा और 13 पौण्ड तक भारी पाया गया है। लम्बी छलाँग भरने वाले आक्सरिका मेंढक दक्षिणी अफ्रीका में पाये जाते हैं। उनकी छलाँग 30 फुट तक की देखी गई है।
मनुष्य इनमें से एक का भी मुकाबला नहीं कर सकता ऐसी दशा में उसका अन्य प्राणियों की तुलना में वरिष्ठ होने का दावा सहज ही रद्द हो जाता है। मानवी गरिमा के अनुरूप स्तर विनिर्मित कर सके तो ही उसकी विशिष्टता को मान्यता मिलेगी।