स्वप्नों से होती है आगत की जानकारी

March 1984

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स्वप्न सदा तो सच नहीं होते पर अनेक बार उनमें मिले पूर्वाभास ऐसे पाये गये हैं जो समयानुसार खरे उतरे। उसे मात्र संयोग नहीं कहा जा सकता। इनके पीछे चेतना की उस विशिष्ट क्षमता का आभास मिलता है जो अदृश्य जगत में चल रही हलचलों के सहारे यह जानने में समर्थ हो सकती है कि कुछ ही समय उपरान्त क्या होने जा रहा है।

प्रभात होने के पूर्व जानकारी मुर्गे को मिल जाती है और वह बाँग लगाने लगता है। बादलों का रुख देख कर वर्षा होने न होने का अनुमान किसान लगा लेते हैं। चेतना में भी यह क्षमता है कि भावों सम्भावनाओं से सम्बन्धित अदृश्य जगत के घटनाक्रम का पूर्वाभ्यास प्राप्त कर सके।

इटली के सामन्त क्रोसू ने सपना देखा कि उसके पुत्र ऐथिस की हत्यारों ने हत्या कर दी। उसने पुत्र का बाडी गार्ड कुछ विश्वस्त सशस्त्र कर्मचारी नियुक्त कर दिये। एक दिन उन्होंने मालिक के बेटे को मारने का असफल प्रयास किया। इस प्रकार सपने की सूचना सच निकली।

मनोविज्ञानी प्रो. साइमन ने लगभग 3500 सपनों का एक ऐसा विवरण ग्रन्थ प्रकाशित किया है जिससे प्रतीत होता है कि कुछ सपने तो सर्वथा निरर्थक होते हैं पर कुछ ऐसे भी होते हैं जिनमें महत्वपूर्ण सम्भावनाओं की पूर्व सूचनाओं का समावेश रहता है।

मिस्र के राजा फराऊन ने स्वप्न देखा कि नील नदी के किनारे सात सफेद गायें चर रही हैं। इतने में सात काले रंग की गायें कहीं से भागती हुई आईं और उन घास चरती गायों को देखते-देखते खा गईं।

इस विचित्र सपने का अर्थ उसने गुणी लोगों को दरबार में बुलाकर पूछा। उनने कहा- “अगले सात वर्ष सुख-शान्ति के रहेंगे और इसके बात सात वर्ष विपत्तियाँ सहनी पड़ेगी। इसकी यह पूर्व सूचना है।”

ऐसा ही हुआ भी। सात वर्ष बहुत खुशहाली के कटे इसके बाद भयंकर दुर्भिक्ष पड़ा जो सात वर्षों तक लगातार चला। उसमें राजा प्रजा सभी तबाह हो गये।

छत्रपति शिवाजी ने एक सपने में किसी स्थान पर खजाना गढ़ा देखा। अगले दिनों उनने चुपके से उस स्थान की खुदाई अपने विश्वस्तजनों से कराई और वैसी ही सम्पदा पाई जैसी कि सपने में देखी थी।

आन्ध्र के राजा विक्रम देव ने सपने में विष्णु भगवान को देखा। वे कह रहे थे। “एक रथ बनाओ। स्वयं खींचो। रायली गाँव की सड़क पर चलो। जहाँ रथ की धुरी टूट जाय वहाँ रुको। खोदकर देखो मेरी मूर्ति गढ़ी है। उसे निकालकर मन्दिर बना देना। तुम्हारा कल्याण होगा।” राजा ने वैसा ही किया। नियत स्थान पर मूर्ति मिली। वहाँ केशव भगवान का मन्दिर अभी भी बना हुआ है।

नैपोलियन का एक विश्वस्त सेनापति था स्टीगल। मौरंगो के युद्ध मोर्चे पर उसे जाना था। जाने से एक दिन पहले उसने देखा। शत्रु के सेनाधिकारी ने हसिये से उसका सिर काट लिया है। वह बात उसने नैपोलियन से कही तो उसने डरपोक मन की सनक बताया और मोर्चे पर भेज दिया। तीसरे दिन समाचार मिला कि स्टीगल लड़ाई में मारा गया। सपनों का मजाक उड़ाने वाले नैपोलियन को भी अपनी राय बदलनी पड़ी।

अमेरिका के कार्लोमेपल्स स्थान में एक सरकारी अफसर ने सपना देखा कि कल का दिन उसकी मृत्यु का दिन है। सवेरे उठने पर उसने पत्नी से सपना कहा। दोनों ने निश्चय किया कि आज काम पर न जाया जाय। घर ही रहा जाय। दिन बीत गया। शाम होते-होते पड़ौसी मित्र की बीमारी का समाचार मिला देखने के लिए पास ही जाना था सो वह चला। घर से निकलते ही दरवाजे पर एक गुजरती जीप से उसकी टक्कर हुई और वही प्राण पखेरू उड़ गये।

प्रस्तुत स्वप्न संकलन पुस्तक में ऐसी ही अनेक घटनाओं का उल्लेख है।


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