धर्मोपदेशक विद्यालय स्थापित हुए (kahani)

October 2003

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

उच्च श्रेणी में ग्रेजुएट होने पर युवक हंसराज को अच्छी सरकारी नौकरी मिल रही थी, पर उनने सरकारी शिक्षा से भिन्न उद्देश्यों के लिए चलने वाले विद्यालयों की स्थापना को अपना लक्ष्य बनाया और आदर्शवादी पीढ़ी के उत्पादन में सर्वतोभावेन जुट गए। एक छोटा विद्यालय उन्होंने स्वयं ही स्थापित किया। उसके सत्परिणाम देखते हुए उन्होंने उस कार्य को बड़े रूप में करने का निश्चय किया। डी.ए.वी. स्कूल-कॉलेजों की स्थापना में वे पूरे उत्साह के साथ जुट गए। जनता का अच्छा सहयोग मिला, फलतः पंजाब क्षेत्र में इस स्तर के छोटे-बड़े अनेकों विद्यालय स्थापित हो गए। उनकी नम्रता और सेवा-भावना के कारण उन्हें महात्मा कहा जाता था।

डी.ए.वी. विद्यालयों में ऐसे लगनशील अध्यापक नियुक्त किए गए, जो छात्रों के साथ पूरी तरह घुल जाते थे। फलतः वे न केवल चरित्रवान-देशभक्त बनते थे, वरन् अच्छे डिविजनों से पास भी होते थे। एक डी.ए.वी. हाईस्कूल ने तो उस क्षेत्र के लिए आबंटित सारी छात्रवृत्तियाँ जीत ली।

महात्मा हंसराज जी द्वारा चलाया गया डी.ए.वी. स्कूल स्थापना आँदोलन हर दृष्टि से बहुत सफल रहा। उनके जीवन काल में अनेकों टेक्निकल स्कूल, आयुर्वेदिक कॉलेज, नॉर्मल स्कूल, शोध संस्थान, विज्ञान कॉलेज, धर्मोपदेशक विद्यालय स्थापित हुए।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles






Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118