रेखागणित के अनेक सिद्धाँतों का आविष्कारक यूक्लिड पिता के विरोध करने पर भी अपने काम में लगा रहता था। एक दिन उसके पिता ने कहा, यह बेवकूफी का काम अगर तुम नहीं छोड़ोगे तो मेरी संपत्ति में हिस्सा न पा सकोगे। यूक्लिड ने कहा, आप अपना धन भले ही अपने भाइयों को दे दें, मुझे अपने काम में इतना आनंद आता है कि आपकी दौलत उसके सामने तुच्छ है।
यूक्लिड पिता के धन का लोभ न छोड़ते तो दुनिया को गणित के उच्च सिद्धाँतों के लाभ देने में सफल न होते। छोटे लोभ में बड़े लाभ से वंचित रह जाते।