सरकारी मान्यताएँ मिली (kahani)

May 1993

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आम के बगीचे में एक लड़का चुपचाप घुस गया और पेड़ पर चढ़ कर पके फल तोड़ने लगा।

इतने देर में माली आ पहुँचा। उसने चोर लड़के को देखा और पकड़ लिया। लड़के क्या कहता, झगड़ा तो उसके बाप से करना उचित लगा ताकि उससे कह सुनकर क्षति का मुआवजा पाया जा सकें।

माली ने लड़के से पूछा-तेरा घर कहाँ हैं?

तेरे बाप का नाम क्या है? वह कहाँ मिलेगा?

लड़के ने सरल स्वभाव उँगली के इशारे से पास के पेड़ की और इशारा किया और कहा वह इसी पर चढ़ा ऊपर वाली टहनी से आम तोड़ रहा है।

माली ने लम्बी साँस खींची। जब बाप कि करतूत यह है तो बेटा क्यों पीछे रहेगा?

इटली और आस्ट्रिया में भयंकर युद्ध हो रहा था। नित्य सैकड़ों लोग दोनों पक्ष के मरते और घायल होते। इन आहतों की उचित देखभाल करने की कोई व्यवस्था न थी। लाशें सड़ती रहती और घायल चिल्लाते रहते।

इस करुणा दृश्य को देख कर हेनरी ड्रम का मन पिघल गया। उसने एक बड़ी जमीन में चलता फिरता अस्पताल बनाया। दोनों पक्ष से आहतों की उठा ले जाने की स्वीकृति प्राप्ति की। घायल ले जाने के लिए एम्बुलेंस गाड़ी का प्रबंध किया। इस प्रयास का नाम उसने ‘रैडक्रास’ यही उसका प्रतीक भी था।

उस युद्ध में उस संस्था की सेवाओं को सर्वत्र सराहा गया। दुनिया भर में उसकी शाखाएं बनी। सरकारी मान्यताएँ मिली। आज रैडक्राँस एक मानव सेवा का अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है।


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