जहाज खरीद लिया (kahani)

May 1993

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टामस जेफरसन-जो उस समय अमरीका के उपराष्ट्रपति थे-किसी अन्य नगर के एक होटल में गये और ठहरने के लिये स्थान की याचना की। वे उस समय साधारण किसान की वेशभूषा में थे। होटल के मालिक ने कहा-”हमारे यहाँ कोई स्थान रिक्त नहीं है।”

वे चले गये। बाद को मैनेजर को किसी ने बताया कि ये तो अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे। तब तत्काल ही उसने एक व्यक्ति को भेजा कि वह उन्हें क्षमा याचना करते हुये वापस ले आये।

जब वह व्यक्ति पहुँचा और उसने मैनेजर का संदेश जेफरसन से कहा तो उन्होंने यही कहा-”जिस होटल में एक किसान के लिये स्थान नहीं हो उसमें अमरीका का उप राष्ट्रपति कैसे ठहर सकता है।”

अमेरिकी उन दिनों अफ्रीका से लोगों को पकड़ कर ले जाती और उनसे पशुओं जैसा व्यवहार करते थे। बहुत से लोगों ने यह धंधा ही अपना लिया था कि अफ्रीका निवासियों को पकड़कर लायें और उन्हें अमेरिका में बेचें।

ऐसा ही एक जहाज अफ्रीकी महिलाओं का आया। बोली उसकी भी लगी। फिलिप हिटले नामक एक गोरी महिला ने अपनी सारी संपत्ति बेच कर बदले में वह

जहाज खरीद लिया।

फिलिप ने उन सभी महिलाओं को पढ़ाया। सभ्यता सिखाई, स्वावलम्बी बनाया और इस काम के लिये तैयार किया कि वे दासों की दशा सुधारने और उस प्रथा का अन्त कराने के लिए आन्दोलन में जुट पड़े। यह आन्दोलन तेजी से चला और कालान्तर में सफल भी हुआ।


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