मैं हाजिर हूँगा (kahani)

May 1993

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एक जगह मिलिटरी के जवानों को एक भारी गार्डर उठाना पड़ रहा था। वह बड़ा बहुत था। कामुक कम। मुश्किल से थोड़ा-थोड़ा करके उसको खिसकाया जा सकता था। उनका कप्तान जोर लगाओ का हुक्म तो दे रहा था पर स्वयं उसको हाथ लगाकर उठाने को तैयार न था।

एक घुड़सवार वहाँ रुका उसने घोड़ा बाँध दिया और जवानों के साथ बड़ी हिम्मत से उसे उठाने में जुट गया। देखते-देखते गार्डर उठा लिया। कप्तान ने घुड़सवार को धन्यवाद दिया और उसका परिचय पूछा।

घुड़सवार ने कहा-कप्तान से बड़ा। अब प्रश्न पर प्रश्न उठने लगे उसे कोई बड़ा अफसर समझा गया।

तब क्या आप सेनापति रक्षा मंत्री आदि है। घुड़सवार ने कहा उससे भी ऊँचा तब क्या प्रेसीडेन्ट है। उनने अपना नाम जार्ज वाशिंगटन बताया और घबराये हुए कप्तान से कहा जब कोई कठिन काम पड़े तो उसमें सहारा देने के लिए अपने देश के प्रेसीडेन्ट जार्ज वाशिंगटन को बुलावा भेज दिया करो, मैं हाजिर हूँगा।


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