लक्ष्मण जी ने वही किया (kahani)

May 1993

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

सुग्रीव ने राम का आश्रय लेकर अपने शत्रु बाली का वध करा लिया था। इससे पूर्ण उसने वचन दिया था कि सीता की खोज में अपनी सेना सहित तत्परतापूर्वक काम करेगा।

पर जब सुग्रीव का काम बन गया तो उसे अपना पूर्व वचन निभाने की याद ही नहीं रही। विनोद विलास में दिन बिताने लगा।

आवश्यकता पड़ी कि आदर्शों की सुध भूल जाने की कड़ाई के साथ याद दिलायी जाये और झकझोर कर खड़ा किया जाय। लक्ष्मण जी ने वही किया और भूले हुए को स्मरण दिला कर धमकाते हुए वचन पालन करने के लिए बाधित किया।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles