दुःख और गतिरोध किसी अनौचित्य का प्रतिफल है भले ही वह अपना किया हो या किसी अन्य का। सन्मार्ग अपनाये जाने पर दुःख या तो मिलता ही नहीं अथवा वह असह्य नहीं होता।