महत्वाकांक्षी जोशुआ लेवमेन भावी जीवन की रूपरेखा के संदर्भ में अनेकों योजनायें बना कर विद्वान युकाची के पास ले गया और उनसे पूछा-वह उन्हें पूरा करने के लिए क्या तैयारी करे।
युकाथी ने यह सूची ध्यानपूर्वक देखी और मुसकराते हुए उसे वापस लौटा दिया। उनने कहा-बच्चे! इन सब योजनाओं से पहली योजना का तो कहीं नाम भी नहीं है और उसके बिना तुम्हारा बढ़-चढ़कर सोचना व्यर्थ है।
जोशुआ ने चकित होकर पूछा-भला, वह क्या योजना होनी चाहिए? उन्होंने कहा-अपने स्वभाव और चरित्र का निर्माण, जिसके बिना कोई व्यक्ति न बड़ा बन सकता है और न बड़ा काम कर सकता है।