Quotation

October 1987

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

उपासना का अर्थ है, देवत्व के समीप बैठना अथवा अपनी जगह पर देवता को घसीट लाना। दोनों का साराँश है सद्गुणों से अपने को ओत प्रोत कर लेना।

बत्तीस घटनाक्रम सुनाये। जब देखा कि भोज अपने का सब उदाहरणों से पिछड़ा हुआ पा रहे है, तो सिंहासन बत्तीसी की कथा के अनुसार पुतलियां सिंहासन को लेकर आकाश में उड़ गई।

कथा अभिप्राय यह है कि पात्रता होने पर ही महत्वपूर्ण पद ग्रहण करने का साहस करना चाहिए, अन्यथा उससे अनर्थ होने की आशंका है। हर किसी को बहूमूल्य उपलब्धियां इसी कारण नहीं मिलती। उपार्जित योग्यता ही इसकी कसौटी है।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles