रत्न राशि एक कौने में बैठा थी, पीसने की चक्की दूसरे कोने में। रत्न राशि ने कहा - मैं रानियों के कंठ और जौहरियों की तिजोरियों में सजधज के साथ रहती हूँ। चक्की ने कहा- अपना अपना भाग्य पर यह तो बताएँ आप कितनों की आजीविका का साधन बनती है? और कितनों का पेट भरती है। रत्नराशि से कुछ उत्तर न बन पड़ा।