82 वर्षों से लावारिस पड़े एक शराब खाने तथा सराय को इंग्लैण्ड के हैम्पटन ने खरीद लिया। उसमें एक ऐसी पेटी पाई गई जिसमें 25 हजार सोने की अशर्फी थी। वह किसी ऐसे व्यक्ति की थीं जो यहाँ छिपा गया था और फिर वापस न लौट सका।
इसे कहते हैं, छप्पर फाड़कर सोना बरसाना।
रवाड जार्डन का एक भविष्य वक्ता शेख अब्दुल रजव भविष्य वक्ता था। उसने भविष्यवाणी की कि सम्राट अब्दुला का कत्ल होने ही वाला है। वैसा ही हुआ। इसके बाद भविष्य वक्ता ने मौन धारण कर लिया और फिर वह जीवन भर बोला ही नहीं। ताकि उसके मुख से कोई अशुभ वचन न निकलें।
भविष्य कथन के लिए वक्ता को ही प्रायश्चित करना पड़ा।
ओहियो के फिलिप केंइंडेल के बांये फेफड़े में गोली लगी। शल्य चिकित्सकों ने उसे बाहर निकाल सकने में अपनी असमर्थता बताई। पर खाँसी के साथ एक दिन वह गोली अपने आप ही निकल गई।
‘जाको राखै साइयाँ मार न सके ना कोय।’
सन् 1927 में लाइबेरिया के राष्ट्रपति चुनाव में चार्ल्स को प्रतिद्वन्द्वी की तुलना में 2,34,000 मतों से जीता घोषित किया गया। यह संख्या उस देश के कुल मतदाताओं से 15 गुनी अधिक है।
“झूँठ बोला जाय तो इतना।”
बेविलिया देश में पिछले 150 वर्षों में 149 राज्य विप्लव हो चुके हैं।
‘इसे कहते हैं क्रान्ति का जूनून।’
हार्बट काउण्टी की एक बुढ़िया सैली ईगर 90 वर्ष की आयु में अपनी ऐनक खो बैठी। बाद में उसने नई ली ही नहीं। वह बिना ऐनक की सहायता के सुई में धागा पिरो लेती थी।
बुढ़िया में जवानी जैसी क्षमता फिर लौटने लगी थी। उसका प्रत्येक अवयव नये सिरे से चमकने लगा था।
मिस्र के शासक हसन के हत्यारे सईद को पकड़ा गया तो उससे सवाल पूछते हुये हत्या का विवरण पूछा। उसने अपनी कमर में से छुरा निकाल कर अपने ही सीने में भोंक लिया और कहा- ‘ऐसे’।
निष्ठुरों को न दूसरों के ऊपर दया आती है न अपने ऊपर। इसकी यह घटना एक प्रत्यक्ष प्रमाण थी।
थाईलैण्ड के राजा कांग द्वारा अपने पुत्र फार्म को देश निकाला दे दिया। बड़ा होने पर लड़के ने सेना गठित की और पिता के राज्य पर चढ़ाई करके उसे मार डाला।
लोगों के द्वारा पिता को मारने के लिए धिक्कारे जाने पर उसके नाम पर एक भव्य मंदिर बनाया। इसमें उसने राज्यकोष में मिली सारी सम्पत्ति लगा दी।
पितृ द्रोह और पितृ भक्ति का कैसा है यह संयुक्त उपाय?
सन् 1900 में तत्कालीन चुनाव विजय पर सरकार की ओर से एक विशाल भोज दिया गया था। उसमें करीब 13 हजार संभ्रान्त नागरिक आमन्त्रित किये थे। भोज में 50 हजार बोतलें शराब की खर्च हुईं।
जनता का धन जनता के लिए उड़ा देने का यह एक अनोखा नमूना था।
वुड स्टाक कनाडा में दो ऐसे व्यक्तियों का संयोग हो गया जिसमें से एक की बिल्कुल टाँगे नहीं थी और एक के दोनों हाथ नहीं थे। बिना हाथ वाले का नाम था चार्ल्स ट्रिप और बिना टाँग वाला था- एली ब्राउन। लोगों ने तलाश कर दोनों का जोड़ा मिला दिया। वे दोनों जीवन भर साथ रहे। दोनों के मिलने पर एक पूरे मनुष्य की पूर्ति हो गई और वे बिना किसी प्रकार का अभाव अनुभव किये जीवन यापन करते रहे।
रोम का सम्राट कलाउडिस की पुत्री ऐन्टोनिया अतिशय सुन्दर थी। उसे प्राप्त करने के लिए अनेकों का मन ललचाता रहता। वह एक के बाद जिन दो युवकों के साथ विवाही गई। उन्हें किसी न किसी दोषारोपण से उन्हें फाँसी पर बढ़ावा दिया। अन्त में सम्राट नीरों उस पर ललचाया। प्रस्ताव अस्वीकार करने पर नीरो ने एन्टोनिया को फाँसी लगवा दी।
अति की सुन्दरता भी बुरी। अति की हर बात बुरी।
गैरिट डी. बाल न्यूजर्सी अमेरिका का गवर्नर निर्वाचित हुआ। किन्तु उसने उस पर आसीन होने से इन्कार कर दिया। उसने कहा राजनीति में पड़ने की अपेक्षा में लोक शिक्षा जैसे अधिक महत्वपूर्ण कार्य में ही अपने जीवन का सदुपयोग करना चाहूँगा। इस संदर्भ में उसने अपने विचार राष्ट्रपति तक के आग्रह से भी नहीं बदले।
आदर्शों पर टिकने वाले ऐसे होते हैं।
विचु आनलिण्ड की खाली हाथों एक जंगली शेर से अफ्रीका के जंगलों में मुठभेड़ हो गई। उसे 23 जख्म आये तो भी उसने गरदन दबोच कर उस शेर को मार ही डाला।
साहस ओर पराक्रम ऐसे ही अवसरों पर काम आता है।
मद्रास सेन्ट जार्ज किले के अंग्रेज कमाण्डर एडवर्ड विक्टर की जंगल में बाघ के साथ मुठभेड़ हो गई, उसने बाघ को गला घोट कर मार दिया था। हिम्मत सबसे बड़ा हथियार है।
मैसूर के एक राजा ने किसी साधु पर अप्रसन्न होकर उसे तोप के मुँह में डालकर तीन बार उड़ाया। एक बार वह हाथी की अम्बारी पर, दूसरी बार ऊँची छत पर और तीसरी बार बालू के टीले पर जा बैठा। न मरते देखकर राजा ने उसे क्षमा कर दिया।
इसे कहते हैं- बिना मौत आये कोई नहीं मरता।