बंगाल के प्रसिद्ध रसायनवेत्ता आचार्य प्रफुल्लचन्द्र राय अपने समय के ऋषि थे। वे कलकत्ता विश्वविद्यालय में रसायन शास्त्र के प्रोफेसर थे। वे अनेक भाषाओं के विद्वान और भारतीय रसायन शास्त्र के उद्घाटन कर्ता थे। उनके कितने ही ग्रन्थ विश्व विख्यात हैं।
उनने ‘बंगाल केमीकल्स’ की स्थापना की। जिसकी विनिर्मित औषधियों की प्रामाणिकता अक्षुण्ण मानी जाती है।
आचार्य राज विश्व-विद्यालय के एक छोटे कमरे में रहते थे। उसी में अनेकों असहाय विद्यार्थी आश्रय पाते थे। जीवन भर की कमाई जो लाखों रुपयों में थी। रसायन शास्त्री की खोज की उन्नति के लिए सार्वजनिक सम्पत्ति बनाकर छोड़ गये। उनकी विद्वता, शोध, सेवा और व्यक्तिगत जीवन ऋषियों जैसा था।