अपनापन जिसके साथ जुड़ता है उसे कष्ट देते नहीं बन पड़ता। अपनेपन का दायरा बढ़ाओ ताकि किसी को दुःख देना न बन पड़े। अपने शरीर या सन्तान को कौन सताना चाहता है?