सत्रहवीं सदी में जापान के प्रधानमंत्री जी.पी. शाद्र का परिवार एक हजार आदमियों का था, वे सभी सम्मिलित रहते थे। इसका सभी जगह आश्चर्य माना जाता था कि दस पाँच आदमी एक परिवार में नहीं रह पाते तो एक हजार इतने मिल-जुलकर किस प्रकार रहते हैं।
इसके रहस्य पूछने तीसरी पीढ़ी के सम्राट उनके पास पहुँचे। मंत्री बहुत बूढ़े हो चुके थे। ज्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं थे, पर एक कागज मँगाकर उत्तर लिख दिया। उसमें लिखा था— “पारस्परिक सौजन्य एवं एकदूसरे का सम्मान।”