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Akhand Jyoti
Year 1986
Version 2
सद्वाक्य
सद्वाक्य
January 1986
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मृत्यु से मत डरो। डरो उस अपयश एवं पश्चात्ताप से जो मरने के बाद भी चिरकाल तक बना रहता है।
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Page Titles
विचारणा की पारसमणि
धर्मोपदेश ही नहीं अधर्म से संघर्ष भी
तत्त्वज्ञान का प्रथम सूत्र
नेहरू जी कि सीख (कहानी)
त्रिविधि बंधन और उनसे मुक्ति
मन को कुसंस्कारी न रहने दिया जाए
सद्वाक्य
वातावरण बनाम वरिष्ठता
सुल्तान नासिरुद्दीन (कहानी)
अध्यात्मवाद के फलितार्थ
ध्यानयोग पर वैज्ञानिक अन्वेषण
राजा को तपस्वी कि सीख (कहानी)
जीभ एक वाणियाँ चार
सद्वाक्य
अलौकिक सिद्धियाँ
लोकसेवक श्री ईश्वरचंद्र विद्यासागर (कहानी)
चौरासी लाख योनियों का परिभ्रमण
सद्वाक्य
किशोर भी प्रौढ़ होते हैं
तन्मयता बनाम प्रतिभा
प्रार्थना— बस इतनी ही कृपा करना (रविंद्रनाथ टैगोर)
जीवन को वातानुकूलित रखा जाए
मूलबंध, उड्डियानबंध और जालंधरबंध
तेजोवलय अथवा बायोप्लाज्मा
लाला लाजपत राय (कहानी)
हारमोन्स— जीवनक्रम के रहस्य भरे स्राव
हनावा हाकेची की विलक्षण प्रतिभा (कहानी)
मस्तिष्कीय संरचना किसी की भी कम विलक्षण नहीं
सदुपयोग और दुरुपयोग प्राणाग्नि का भी समझें
घमंडी का सिर नीचा (शिक्षाप्रद कहानी)
एडीसन की समस्वरता ( शिक्षाप्रद कहानी)
आत्मसत्ता का अस्तित्व
क्या पृथ्वी भी प्लूटो बनने जा रही है
सिंहासनारूढ़ उदयसिंह (कहानी)
पूर्वाभास अंधविश्वास नहीं है
सद्वाक्य
‘मरण’— सृजन का उल्लास भरा पर्व
सुकरात को जहर (कहानी)
सद्वाक्य
बिना संपन्नता के भी संतोष का अनुभव
उदारता के साथ सतर्कता भी बनाए रहें
प्रधानमंत्री जी.पी.शाद्र (कहानी)
पत्नीव्रती पशु-पक्षी
हजरत इब्राहिम (कहानी)
नारी नर बनने जा रही है
अंबपाली (कहानी)
हर परिस्थिति के लिए तैयार रहें
अचानक लुप्त होने वाली वस्तुएँ
संपन्न किसान के पास गए (कहानी)
भावनाओं को तरंगित करने में संगीत का उपयोग
योगासनों से विभिन्न व्याधियों का उपचार
वर्धमान— महावीर स्वामी (कहानी)
धारावाहिक विशेष लेखमाला— गायत्री और सावित्री की एकता और पृथकता
भाग्यवाद का सिद्धांत निरर्थक (कहानी)
त्राताओं की भूमिका दाताओं से ऊँची
अपनों से अपनी बात— हीरक जयंती और दो अभूतपूर्व कदम
वर्तमान साधें ! (कहानी)
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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