पत्थर और फुल (Kahani)

October 1985

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‘फूल से पत्थर ने कहा- ‘‘जानता नहीं मेरी शक्ति। एक ही आघात में तेरा कचूमर निकाल दूँगा।”

मुस्कराते फूल ने कहा- ‘‘तब तो आप मेरा उपकार ही करेंगे मित्र, मेरी सुगन्ध दूर-दूर तक फैला देने का अहसान ही तो करेंगे मेरे ऊपर।”


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