‘फूल से पत्थर ने कहा- ‘‘जानता नहीं मेरी शक्ति। एक ही आघात में तेरा कचूमर निकाल दूँगा।”
मुस्कराते फूल ने कहा- ‘‘तब तो आप मेरा उपकार ही करेंगे मित्र, मेरी सुगन्ध दूर-दूर तक फैला देने का अहसान ही तो करेंगे मेरे ऊपर।”