गणेश एवं कार्तिकेय जैसे अजेय देव पुरुषों, अवतार शक्तियों को जन्म देने वाली माँ पार्वती अपनी निष्ठा के बल पर, संकल्प शक्ति के कारण ही शिव को साथ पा सकी। भगवत् सत्ता के संपर्क सान्निध्य से जो संस्कार वे इन अवतार सत्ताओं को दे पाईं उसमें उनका पुरुषार्थ कम नहीं, अधिक ही था। यह नारी का ही धैर्य एवं तप, सहने की शक्ति है जो असम्भव को भी सम्भव कर सकती है।