कोई राजा भटकता हुआ किसी गाँव में जा पहुँचा। अपरिचित होते हुए भी ग्रामवासियों ने बहुत-बहुत आतिथ्य सत्कार किया। सज्जनता से प्रभावित होकर राजा ने उन गाँव वासियों के लिए अस्पताल बनवा दिया। पर उसमें कोई भी मरीज नहीं आया। राजा को सूचना मिली तो उसने सुविधा से लाभ न उठाने के कारण पूछा तो ग्रामीणों ने कहा हम लोग भूख से कम खाते हैं और कठोर परिश्रम करते हैं। इससे बीमारी पहले तो आती नहीं, आती है तो पसीने के रास्ते तत्काल निकल जाती है।