Loading...
All World
Gayatri Pariwar
Get App
Books
Magazine
Language
English
Hindi
Gujrati
Kannada
Malayalam
Marathi
Telugu
Tamil
Stories
Collections
Articles
Open Pages (Folders)
Kavita
Quotations
Visheshank
Quick Links
Book Catalog
Whats New
Downloads
Write to Us
Login
Akhand Jyoti
Year 2000
Version 2
Quotation
Quotation
February 2000
Read Scan Version
<<
|
<
|
|
>
|
>>
पराक्रम ने भाग्य को बनाया है। जो भाग्य की आशा पर बैठते हैं, वे अंधेरों में जुआ खेलते हैं।
*समाप्त*
<<
|
<
|
|
>
|
>>
Write Your Comments Here:
Page Titles
महापूर्णाहुति की वासंती उमंगें
युग वसंत का साक्षी अखण्ड दीप
एक सहस्राब्दी का सफर
ज्वालाएँ बनी, मतों-पंथों के बीच की दीवारें
Quotation
संक्राँति का प्रथम पर्व
Quotation
युगनायक कबीर का समन्वय संदेश
उन्हें जनसम्मान भी मिलता (kahani)
आगमन नए युग का समन्वय की दिशाधारा का
इस सहस्राब्दी का अंधकार युग
उपदेशक की पात्रता
या द्वितीय संक्राँति पर्व
कन्हैयालाल माणिकलाल मुँशी (kahani)
Quotation
पुनः लय पाते साधनात्मक आँदोलन के बिखरे स्वर
‘समर्थ’ के आविर्भाव से उपजा संगठन का संकल्प
Quotation
युगपरिवर्तन के लिए उमंगा महापराक्रमण
दीप से प्रस्फुटित प्रकाश (kahani)
सुनियोजित षड्यंत्रों ने बनाया भारतमाता को बंदिनी
तृतीय संक्राँति नवजागरण का संदेश लेकर आई
भाग लेने के लिए उठना चाहिए (kahani)
Quotation
सहसा किरणों का सूर्य चमका श्री रामकृष्ण के रूप में
गूँजा देवसंस्कृति दिग्विजय का शंखनाद
शक्तिपात, जिसने राष्ट्रीयता अस्मिता के जागरण की नींव रखी
शास्त्रार्थ तथा व्याख्यान (kahani)
दीप–प्रज्ज्वलन के साथ अवतरित हुई भागवत चेतना
आवश्यकता ही शेष नहीं (kahani)
समस्याओं से घिरे भारत को समाधान मिला अध्यात्म से
अग्रगामियों की टोली में (kahani)
महासंक्राँति का महापर्व
इस संक्राँति नर्प के महानायक
युगबोध क्राँतिबोध
इक्कीसवीं सदी की गंगोत्री-शाँतिकुँज
अपनों से अपनी बात (Kahani)
महाकाल का संकल्प प्रतिभाएँ पूरा करेंगी
सहस्राब्दी संदेश समन्वित संक्राँति दर्शन
अर्थों में समग्रता (kahani)
वसंतपंचमी (1991) का संदेश- मातृवाणी
दूसरे को जलाया (kahani)
Quotation
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
See More