नागार्जुन सुप्रसिद्ध रसायनज्ञ थे, पर वे संपर्क में आने वालों को धर्मोपदेश भी दिया करते थे। इस पर एक व्यक्ति ने कहा-आप रसायन शास्त्र पढ़ाया करें तो आपका नाम भी बढ़ेगा। आपकी विद्या का भी विस्तार होगा।
नागार्जुन बोल-रसायनज्ञ तो कभी भी बना जा सकता है, बात तो तब हैं जब अच्छे आदमी बनें। जिन्हें धार्मिक उत्तरदायित्व वहन करते पड़ते हैं, उन्हें तो इस तथ्य को अनिवार्य ही मानना चाहिए। जो जाग्रत हैं उन्हें स्वयं भी इस युगचेतना में भाग लेने के लिए उठना चाहिए। ऐसे अवसर इतिहास में बार-बार नहीं आते।