योगनिद्रा का नियमित अभ्यास शरीर एवं मन के मध्य संतुलन स्थापित कर स्वास्थ्यता का विकास करता है। यह मानसिक रोगों और बुरी आदतों से छुटकारा दिलाकर व्यक्ति को आत्मोन्नति की ओर अग्रसर करता और अंततः उस भूमिका में प्रतिष्ठित करता है, जिसे ‘ध्यान’ कहा गया हैं।